Fiza Tanvi

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कैसा ये इश्क़ हैं...


Part 3rd


नदीम ने ज़ाहिद से कहा भाई मैं आसमा से निकाह करना चाहता हु,ज़ाहिद ने मुस्कुराते हुए कहा, सच
ज़ाहिद ने आसमा को गले लगा लिया सर पर हाथ रखकर कहने लगा, रब तुम्हे ता उम्र ख़ुश रखे, हमेशा हस्ती मुस्कुराती रहो, आसमा की ऑंखें नम हो गयी थी, ज़ाहिद ने आसमा के आंसू अपने हाथ से साफ किये और बोला, अब खुशी के दिन हैं तुम्हारे, आंसू, दर्द तकलीफ अब तुम्हारी ज़िन्दगी मे कभी नहीं आएंगी, ज़ाहिद ने नदीम को भी गले लगा लिया.
ख़ुश रहो मेरे बच्चो खुदा तुम्हे ढेर सारी खुशियाँ दे,
नदीम बोला भाई लगे हाथों आप भी खाला से शादी करलो, ज़ाहिद हँसा और बोला,
शादी और इस उम्र पे, लोग क्या कहेगे,
नदीम बोला भाई मुझे शर्म आती हैं, आप उस लड़के की मदद कर रहे हैं, जिसकी माँ ने आपकी खुशियों को आग लगा दीं, आपसे आपकी जवानी छीन लीं, ज़ाहिद ने नदीम से कहा, ये हमारी क़िस्मत मैं था, लेकिन खुदा का शुक्र हैं, मैं और नज़म साथ ना होकर भी साथ हैं, हमारी मोहब्बत इम्तिहान से गुज़र रही हैं, गुजरने दो इसे,,
नदीम बोला खाला से मैं बात करूंगा,
ज़ाहिद बोला परसो मैं सारा इन्तिज़ाम कर लूंगा,
लेकिन अगर रईसा बेग़म को पता चल गया,
तो तुम्हारी जान भी जा सकती हैं,
हमें ये निकाह छुपते छुपाते करना होगा,

नदीम ने सर हिलाते हुए हाँ मैं जवाब दिया, दूसरे दिन शाम को नदीम की अम्मी ने अपने शौहर के दोस्त,
इन्तिज़ार की बेटी से नदीम का रिश्ता कर दिया था, सना जो नदीम के बचपन की बहुत अच्छी दोस्त थी,

शाम को घर पहुंचने के बाद नज़म ने ये बात नदीम को बताई, नदीम बहुत परेशान हो गया,,
घर मे ज़ोर ओ शोर के साथ तैयारिया शुरू हो गयी..
वो नदीम को पसंद करती थी, लेकिन सना ने कभी नदीम से इज़हार नहीं क्या, दोस्ती मे छुपी मोहब्बत को नदीम कभी नहीं देख पाया, सना पांच भाइयो की एकलौती बहन थी सबकी बहुत लाड़ली भी थी,
और अपनी शादी से बहुत ख़ुश भी थी, सना को ख़ुश देखकर उसका परिवार बहुत ख़ुश था,

नदीम बहुत परेशान था, वो तो आसमा से शादी करना चाहता था, जो उसकी बचपन की मोहब्बत थी.
नदीम नज़म के पास जाकर बैठ गया, बहुत परेशान
और कहने लगा, खाला मैं क्या करू,
कुछ समझ नहीं आता. मैं तो मर भी नहीं सकता,
अगर मर गया तो आसमा का क्या होगा, उसकी सारी उम्मीदें मुझसे हैं,,

नज़म ने नदीम को पास बिठाया और बोली, तुम्हे समझदारी से काम लेना होगा, तुम सना से बात करो
वो तुम्हे समझेंगी, नदीम ने कहा ठीक हैं,खाला आप
सना को बुला लेना मैं बात करके देखता हु,

दूसरे दिन नज़म ने सना को अपने घर के पास वाले पार्क मैं बुलाया, सना काफी टाइम से इन्तिज़ार कर रही थी, जब जाने लगी तो देखा नदीम खड़ा था,
सना ने नदीम को देखा तो देखती ही रह गयी,

नदीम पास खड़ा था, उसने मुझे बैठने को कहा,.
मन मैं पता नहीं कितने सवालात थे, आज क्या हो रहा था, जब भी नदीम से मिलती थी, बे उजर होकर बात करती थी, लेकिन आज अलफ़ाज़ निकल ही नहीं रहे थे, कभी अपने हाथों पर देखती कभी आसमान की तरफ कभी यंहा तो कभी वहा, जैसे मैं किसी अजनभी से बात कर रही हु. जैसे ये पहली मुलाक़ात को, नदीम ने मेरी तरफ देखा और बोला सना, मुझे तुमसे कुछ कहना हैं,मैं बहुत ख़ुश हुई, आखिर ऐसा क्या कहना चाहता हैं, मुझसे, लेकिन मुझे क्या पता था, की मेरी खुशिया फ़नाह होने वाली हैं..

नदीम बोला सना मैं किसी और से मोहब्बत करता हु,
इतना सुनते ही मेरे पैरो तले से ज़मीन खिसक गयी.
मैं सुन पड़ गयी थी, ऑंखें आंसुओं से ना भीग जाये
मैंने ऐनक लगा लीं, आवाज़ लड़खड़ाने लगी थी,
लेकिन मैंने संभाल लीं थी.

किस से मेरे मुँह से निकल पड़ा, उसने मेरी आँखों मे देखते हुए कहा था, आसमा से.
आसमा से वो जो हमारे घर आया करती थी,
नदीम ने हाँ मैं जवाब दिया,
लेकिन वो तो, उसने तो खुदखुशी कर लीं थी,
नदीम बोला वो ज़िन्दा हैं,

रईसा बेग़म ने झूट बोला था, वो मर गयी ये, ताकि मैं अपनी ज़िन्दगी से उसे निकाल दू, उस औरत ने किसी इस्तिकार नाम के शख्श को पैसे दिए थे, उसे मारने के लिये, लेकिन भला हो उस शख्श का,
उसने उसे ज़िन्दगी छोड़ दिया और रईसा बेग़म को झूठ कह दिया उसने आसमा को मार दिया हैं,
अब आसमा ज़ाहिद भाई के पास हैं.
सना ने बोली तुम जानते हो इस्तिकार साहब को,
नदीम बोला मैं नहीं जानता,
अगर वो शख्श मुझे कही मिल जाये तो मैं उसका दिल से शुक्रिया कहना चाहता हु,,
सना ने कहा तुम फ़िक्र मत करो मैं शादी से इंकार कर दूंगी,, नदीम सना के गले लग़ गया, शुक्रिया दोस्त, तुमने मेरी सारी परेशानी दूर कर दीं,

दूसरे दिन सना ने रईसा बेग़म से कहा वो ये शादी नहीं
 करना चाहती हैं, रईसा बेग़म ने सना से कहा तुम बहुत अच्छी दोस्त हो वाक़ई मैं, आखिर तुम लोगो को हो क्या गया हैं, तुम सब को इलाज की ज़रूरत हैं.
तुम सब पागल हो चुके हो, नज़म और नदीम कम थे, जो तुम भी उसी फेहरिस्त मे शामिल हो गई.

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6 Comments

Zaifi khan

30-Nov-2021 06:09 PM

Good

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Ammar khan

30-Nov-2021 11:33 AM

Good

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Niraj Pandey

07-Oct-2021 02:34 PM

वाह

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